अहसास रिश्‍तों के बनने बिगड़ने का !!!!

एक चटका यहाँ भी

बोदूराम काफी दिन से नौकरी की तलाश में थे ही .
उन्हें पता चला कि पास के बाज़ार में एक नयी बैंक खुल रही है . कशीयर की जरूरत है . बोदूराम पहुच गए इंटरव्यू देने .

मैनेजर ने पूछा - पढाई कितनी किये हो ?

बोदूराम - टोटल फ्राड एंड आल टाइम एक्टिव ग्रुप से M.A

मैनेजर - ये कौन सी पढाई ? क्या- क्या विषय था ?

बोदूराम - मुझे भी नहीं पता सिर्फ प्रैक्टिकल बताया गया है करके दिखाऊ ?

मैनेजर - पहले आप मुझे नौकरी दे दो मै करके दिखा दुगा .
मैनेजर मान गया और बोदूराम को नौकरी दे दी .

नौकर करते दो दिन ही हुआ था कि
तीसरे दिन बोदूराम त्याग पत्र लेकर मैनेजर के पास आ गया . आते ही बोला मुझे तत्काल नौकरी से मुक्त किया जाए . अब मै काम नहीं कर सकता .

जानते है ऐसा बोदूराम ने क्यों कहा था ? नहीं ना .

तो नीचे का चित्र देख लो ये बोदूराम के एक कमरे का दृश्य है :)








14 comments:

  1. Himanshu Pandey on September 10, 2009 at 5:53 AM

    हा! हा! हा! प्रैक्टिकल सक्सेस हुआ । अब नौकरी का क्या काम ?
    गजब बोदूराम । धन्यवाद ।

     
  2. Udan Tashtari on September 10, 2009 at 6:30 AM

    धन्य है बोदूराम और भगवान भला करे उस बैंक का.

     
  3. Arvind Mishra on September 10, 2009 at 7:54 AM

    अजब है बोदूराम के कारनामें !

     
  4. दिनेशराय द्विवेदी on September 10, 2009 at 7:56 AM

    जय हो! सब के कमरे बोदूराम के इस जैसे हो जाएँ, मुद्रास्फीति जाए भाड़ में।

     
  5. ताऊ रामपुरिया on September 10, 2009 at 8:35 AM

    भाई ये बोदूराम कहां से आया? अब तो इस का रहस्योदघाटन हो ही जाना चाहिये. ये तो ताऊ के अधिकार क्षेत्र मे सेंधमारी करने लगा है.:)

    रामराम.

     
  6. निर्मला कपिला on September 10, 2009 at 10:56 AM

    पंकज जी अब आपके बोदूराम के पास कलास लगानी पडेगी। हमे भी तो पता चले इसके पास कौन सी गीदड सिन्गी है जो इस कमरे के सच को दिखा रही है। कमाल है आपका बोदूराम जै हो

     
  7. दिगम्बर नासवा on September 10, 2009 at 12:12 PM

    BAHOOT BADE KALAKAAR HAIN BODURAAM JI .... UNIVERSITY KA ADDRESS TO BATA DETE BHAI .......

     
  8. आलोक सिंह on September 10, 2009 at 1:52 PM

    वाह बोदू राम तो कमाल के निकले प्रोगात्मक ज्ञान बहुत अच्छा है उनका .

     
  9. श्रीमती अमर भारती on September 10, 2009 at 4:01 PM

    wah..wah ...
    bahut khoob.
    India is the great.

     
  10. डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' on September 10, 2009 at 4:04 PM

    ये तो बहुत बढ़िया प्रैक्टीकल रहा।
    इससे दुनिया मे अच्छा सन्देश जायेगा।
    बधाई!

     
  11. Unknown on September 10, 2009 at 4:40 PM

    वाकई बहुत जोरदार प्रेक्टिकल रहा!

     
  12. Rakesh Singh - राकेश सिंह on September 10, 2009 at 8:22 PM

    मजेदार लगा ... |

     
  13. Pt. D.K. Sharma "Vatsa" on September 11, 2009 at 12:51 AM

    अब तो भोदूंराम खुद का बैकं खोल सकता है....

     
  14. shama on September 11, 2009 at 10:51 AM

    Uffo..! aage kya kahun?

    http://shamasansmaran.blogspot.com

    http://lalitlekh.blogspot.com

    http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com

    http://baagwaanee-thelightbyalonelypath.blogspot.com

     

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साँस लेते हुए भी डरता हूँ! ये न समझें कि आह करता हूँ! बहर-ए-हस्ती में हूँ मिसाल-ए-हुबाब! मिट ही जाता हूँ जब उभरता हूँ! इतनी आज़ादी भी ग़नीमत है! साँस लेता हूँ बात करता हूँ! शेख़ साहब खुदा से डरते हो! मैं तो अंग्रेज़ों ही से डरता हूँ! आप क्या पूछते हैं मेरा मिज़ाज! शुक्र अल्लाह का है मरता हूँ! ये बड़ा ऐब मुझ में है 'yaro'! दिल में जो आए कह गुज़रता हूँ!
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