अहसास रिश्‍तों के बनने बिगड़ने का !!!!

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नमस्कार, मै आज आप सबको अपने जीवन की एक सच्ची घटना बताने जा रहा है !

घटना तब की है जब बोदूराम ताऊ आश्रम का छात्र हुआ करता था .

एक बार ताऊनंद और उनका चेला बोदूराम एक प्रवचन मे भाग लेने ईलाहबाद जा रहे थे ! ताऊनंद ने ना तो अपना और ना ही बोदूराम का टिकट खरीदा था. बोदूराम ने ताऊनंद को टोका भी था लेकिन ताऊनंद ने यह कहकर बात टाल दिये कि देखना आज अगर कोई टिकट मागेगा तो कैसा चमत्कार होगा !बोदूराम भी चुपचाप बैठ गया!

रास्ते मे एक टी .टी आया और ताऊनंद से टिकट की मांग करने लगा . ताऊनंद ने उसे प्यार से समझाया कि हम सन्यासी है और हम कभी टिकट नही लेते .चहिये तो हाथ दिखा लो , हवन पुजन करवा लो और बात को खतम करो ! टी टी ने एक भी ना सुनी और बोला आप टिकट दिखाईये नही तो अगले स्टेशन पर उतर जाईये!

ताऊनंद ने कहा कि मेरी बात तो सुनिये ..

टी टी ने जवाब दिया कि मै बहरा हो गया हु मुझे सिर्फ़ दिखायी देता है और मै तुमको अगले स्टेशन पर ट्रेन के बाहर देखना चाहता हु.

बात करते-करते ही ट्रेन ईलाहाबाद के एक स्टेशन पहले पहुच गयी . ताऊनंद ने सोचा कि चलो इसको बात मे ही उलझा कर ईलाहाबाद पहुच जायेगे लेकिन टी टी ने ताऊनंद और साथ मे बोदूराम को उसी स्टेशन पर उतार दिया !

ताऊनंद ने तुरंत अपना सोटा ट्रेन के पहिये के उपर रख दिया और बोला जब तक यह कमीना टी टी मुझसे अपने द्वारा किये गये अपराध का क्षमा नही मांगेगा ट्रेन एक कदम आगे नही जा सकती चाहे जितनी कोशीश कर लो!

पहले तो सभी ने इसे ताऊनंद महराज का ढोंग माना लेकि जब लाख कोशीश करने के बाद भी ट्रेन टस से मस ना हुई तो लोग हैरत मे पड गये !

सारे अधिकारी ट्रेन के ड्राईवर के पास गये और पुछे कि क्या समस्या है?

ड्राईवर बोला –साहब सब तो ठीक दिख रहा है लेकिन ट्रेन अपने स्थान से टरक नही रही है जरुर यह इस बाबा की माया है !

अब सारे लोग ताउनंद से अपनी सोटी हटाने के लिये मिन्नत करने लगे !

ताऊनंद ने कहा कि यह टी टी मुझसे माफ़ी मागे तभी मै सोटी हटाऊगा!

थक हार कर किसी तरह सबने टी टी को समझा बुझाकर ताउनंद से माफ़ी मगवाया और जैसे ही ताऊनंद से सोटी हटाय़ी ट्रेन चल पडी!

अब तो चारो तरफ़ ताऊनंद की जयकार और पैसे की बारीश होने लगी !

कुछ दिन बाद एक दिन ताऊनंद अपने आश्रम मे बैठे थे अचानक बोदूराम से बोले –बोदूराम आज मै बहुत खुश हु तुम मुझसे चाहे जो कुछ भी माग लो !

बोदूराम बोला –महराज मुझे आपकी हर कला मालूम है लेकिन मै आज तक उस ईलाहाबाद वाली घटना समझ नही पाया कि आपने ट्रेन कैसे रोका था!

ताऊनंद –बेटा बोदूराम बहुत सीक्रेट बात है,taau-bodu3

मै  ट्रेन के ड्राईवर को पैसा दे रखा था और साथ मे हिदायत कि जब तक मै सोटी ना हटाऊ तुम अपना पैर ब्रेक पर से मत हटाना !]

नमस्कार , मै बोदूराम ..ताऊ पाठशाला का सबसे होनहार छात्र..
आज कल पंकज मिश्रा को तो फुरसत है नहीं तो सोचा क्यों न मै ही अलख जगा दू ..बस ज्यादा समय नहीं लूगा .दो चार जोक मारुगा ,उतने में अप मर गए तो ठीक नहीं तो नमस्ते बोलकर खिसक जाउगा :)
चलिए बताते है पप्पू के कारनामे

कालेज में पप्पू को एक मैडम से प्यार हो गया
सारे कालेज में हाहाकार मच गया
कक्षा  के सारे बच्चे उदास हो गए ...
क्यूकी कालेज के सारे बच्चे फेल. पप्पू अकेला पास हो गया !!


अब दूसरी बात यह है कि-
एक शराबी हर रोज एक पैग लगाने के बाद मंदिर में  शिव जी के दर्शन करने जाता था . एक दिन पुजारी जी को शरारत सूझी और उन्होंने मंदिर में शंकर जी की जगह गणेश जी की फोटो लगा दी ..
शराबी आया और रोज की भाती पूजा पाठ किया और जाते-जाते गणेश जी से बोला
छोटू पापा आये तो बोलना अंकल आये थे !

अब बात शंकर जी की चल रही है तो एक और बात सुन लीजिये .
हुआ यु कि मुझे गिटार बजाने का बहुत शौक है और एक बार मै गिटार पाने के लिए शंकर जी की प्रार्थना कर रहा था .शंकर जी प्रकट हुए और बोले-
बोल बेटा बोदूराम क्या मागता है ?
मै बोला -महाराज, मुझे गिटार दिलवा दो..
शंकर जी मुस्कुराए और बोले .बेटा बोदूराम काहे मजाक करता है  ?
अरे अगर मै गिटार तुझे दे सकता तो आज तक क्यों ये डमरू से काम चलाता पहले अपने लिए नहीं ले लेता !


जैसा कि मै पहले ही कह चुका था कि अगर आप सब को मजा नहीं भी आएगा तो भी मै नमस्ते कहके खिसक लूगा तो लो जी
अब बोदूराम की तरफ से सबको नमस्ते





नमस्कार ..हु पंकज छु अने तामारो स्वागत करू छु नवीन वर्ष माँ ...आ वर्ष तमारे माटे मंगलकारी होवे ...
आज आपको बोदूराम के दो किस्से बताता हु नए साल मनाने के बारे में ..
हुआ यु की बोदूराम को मोबाइल पर मैसेज भेजकर नया साल की शुभकामनाये देने में बड़ा मजा आता था ..था , है नहीं  रहेगा कैसे जो हादसा बोदूराम के साथ हुआ उसके बाद तोhttp://crazywebsite.com/Website-Clipart-Pictures-Videos/New-Year-Graphics/Happy-New-Year-Party-Animals-Animation-1.gif बोदूराम ने मैसेज लिखना ही छोड़ दिया ...तो पढ़ लीजिये क्या हुआ .....
हुआ यु की की बोदूराम ने नए साल पर सबको मैसेज करने की सोची ..और किया भी और मैसेज में वो लिखना चाहा कि...
WISH YOU & your family HAPPY NEW YEAR
लेकिन गलतीसे w की जगह दब गया k और हो गया
KISS you and & your family happy new year


अब तो आप समझ ही गए होगे कि कैसा बवाल हुआ होगा 
http://spyhunter007.com/Images/animation_aerobic_girl.gifखैर किसी तरह बोदूराम जी ने सबको समझा बुझाकर शान्त किया ...अगले साल फ़िर नया साल आया मतलब २०१० कल की बात है...बो्दूराम को मैसेज वाली बात याद थी अतः दुबारा रिस्क लेना सही नही समझा और मैसेज ना भेजने की कसम खा रखी थी ..खैर बात समझते समझते यह समझ मे आयी कि मैसेज की जगह मेल का सहारा लिया जाय और सबको मेल से नये शाल की शुभकामनाये दिया जाय..बोदूराम गूगल बाबा की शरण मे गये और नये साल पर एक अच्छा सा पावर पाईन्ट का स्लाईड शो उठा लाये.
स्लाईड शो की खाश बात यह थी कि उसमे एक लड्की हाथ हिलाते हुए कहती है बाय़ बाय २००९ ....तीन बार कहने के बाद वह लडकी गायब हो जाती है....और दुसरी लडकी आती है और कहती है वेलकम २०१०..


बोदूराम जल्दबाजी मे थे अतः बस इतना देखकर ही उन्होने अपने सभी जान पहचान के महिला-पुरुषो को वह शुभकामनाये सन्देश भेज दिये....कुछ ही देर के बाद सबसे पहले बोदूराम के पिताजी का फ़ोन आया ...घन्टी बजी तो बोदूराम ने सोचा कि उनके पिताजी को सन्देश पसन्द आया इसिलिये उन्होने खुशी के मारे फ़ोन किया ...जैसे ही बोदूराम ने हैलो बोला...पिताजी का पारा डोला और लगातार गालिया बककर फ़ोन काट दिया और जाते-जाते इतना कह गये कि जो भेजा है पहले उसको खुद देख..


बोदूराम ने जल्दी से मेल अटैच्मेन्ट खोली और चलाया तो पहली लडकी आयी और बाय़ बाय़ की दुसरी लडकी आयी तो वेलकम की थोडी देर बाद दोनो लडकी साथ मे आती है और अपना टी शर्ट और जीन्स निकालकर हवा मे लहराकर नाचने लगती है..अब तो बोदूराम को काटो तो खून नही ..
तो दोस्तो यह तो बात हुई बोदूराम की और और मेरा तो सही ही था ..आप सबको देरी से ही सही नये साल की शुभकामनाये ...
नमस्ते

हमारे ब्लाग गुरुदेव

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श्री गुरुवे नमः

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साँस लेते हुए भी डरता हूँ! ये न समझें कि आह करता हूँ! बहर-ए-हस्ती में हूँ मिसाल-ए-हुबाब! मिट ही जाता हूँ जब उभरता हूँ! इतनी आज़ादी भी ग़नीमत है! साँस लेता हूँ बात करता हूँ! शेख़ साहब खुदा से डरते हो! मैं तो अंग्रेज़ों ही से डरता हूँ! आप क्या पूछते हैं मेरा मिज़ाज! शुक्र अल्लाह का है मरता हूँ! ये बड़ा ऐब मुझ में है 'yaro'! दिल में जो आए कह गुज़रता हूँ!
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