सोया था आधी रात को बोदूराम आये और बोले , पंकज जी गजब हो गया .
मैने पूछा क्या और कैसे गजब हो गया ?
बोदूराम बोले मत पुछो तो अच्छा , अगर पुछ ही रहे हो तो बता दे रहा हु सच्चा सच्चा .
किसी ने कर ली है आपके ब्लॉग पर गलती की खोज , और ले ली है आपकी मौज .
मै बोला अगर मौज मेरी है तो तू क्यों हाफ रहा है ?
बोदूराम बोले - क्युकी मेरे नाम से ही मौज ली गए है इसीलिए हाफ रहा हु . आप कुछ करो तो बेहतर नहीं तो मुझे दो आज्ञा, पकडा दो चूहा और दे दो पासवर्ड . मै भी मौज लूगा उन सबका , जिसने मौज के नाम पर बनाया है मेरा चर्चा !!!
मै भी नीद में था बोला लिख मेरा पासवर्ड , और बोला ***************
मै तो सो गया लेकिन सुबह देखा तो गजब हो गया था , मेरे ब्लॉग पर दो और पोस्ट पब्लिश हो गया था .
अब आगे पढिये --
बोदूराम ने भी मौज लेने वाले की मौज ली ली तो कुछ ही देर बाद उस मौजू ने भी पुनः बोदोराम की मौज ले ली . बोदोराम ने भी एक और पोस्ट ठेल दी , लेकिन लोगो के बीच बचाव से मामला शांत हुआ . लोगो ने समझाया भाई बोदूराम आप इतना नाराज काहे होते हो . ब्लागिंग में तो मौज लेने की आदत है .
बोदूराम ने भी छुटते ही बोला - तो मुझे ही क्यों कहते हो मै तो नाराज नहीं हु मै भी तो मौज ही ले रहा हु .
लोगो ने बोला - नहीं भाई आपको इस तरह री एक्ट शोभा नहीं देता .
बोदूराम बोला - क्यों आप करे तो भगडा , मै करू तो लफडा . मै भी करुगा मौज !
लोगो ने फिर समझाया - भाई बोदोराम ऐसा नहीं है हमारे मौज लेने वाले भाई साहब बहुत नेक दिल इंसान होते है आप को परेशान नहीं होना चाहिए .!!!
फिर क्या था बोदूराम बोला ठीक है मै मौज नहीं लूगा .
लेकिन अगले दिन बोदूराम की फिर से किसी ने मौज ले ली थी . बोदूराम परेशान हो गया लेकिन हैरान नहींहुआ क्युकी उसने कुछ ऐसा किया कि बाकी सभी ब्लाग्गर हैरान थे क्या किया सुनिए.....
बोदूराम ने उस मौज लेने वाले ब्लॉगर के खिलाफ मोर्चा निकाल दिया और उसके नीजी मामलों को भी टूल देने लगा .
लोगो ने फिर से समझाया भाई बोदूराम ऐसा ठीक नहीं है आप इस तरह क्यों मौज ले रहे हो किसी के निजीमामलों का.
बोदूराम बोला - आप लोग यहाँ तक आये तो धन्यवाद लेकिन मेरी भी तो उसने मौज ली उसका क्या ?
लोगो ने बोला - अरे नहीं भाई वो पुराने ब्लॉगर है उनका निजी मामला है .
बोदूराम बोला - अच्छा आपकी बीबी अपना बाजार , हमारी बीबी सरकारी भण्डार !!!!!!!
एक चटका यहाँ भी
11 comments:
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Himanshu Pandey
on
September 16, 2009 at 5:49 AM
बोदूराम की अपनी मौज है । उनकी मौज भला कौन ले ।
प्रविष्टि का तनाव कहीं-कहीं ढीला महसूस हआ । पर बोदूराम तो अद्भुत हैं । आभार । -
Gyan Darpan
on
September 16, 2009 at 7:08 AM
सही मौज ले रहे हो बोदू राम जी !
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Udan Tashtari
on
September 16, 2009 at 7:10 AM
मौज लेने वाले को गाली खाने के लिए तैयार रहना चाहिये..ऐसा आज ही कहीं पढ़ा था..याद नहीं आ रहा, कहाँ? मगर पढ़ा तो जरुर था.
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Udan Tashtari
on
September 16, 2009 at 7:10 AM
बोदूराम को भी वो आलेख अपने आप खोज कर पढ़ लेना चाहिये.
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
on
September 16, 2009 at 8:15 AM
"बोदूराम बोला - अच्छा आपकी बीबी अपना बाजार , हमारी बीबी सरकारी भण्डार !!!!!!!"
वाह....।
रोज नये विषय के साथ।
धन्य हो बोदूराम! -
Anonymous
on
September 16, 2009 at 11:33 AM
अच्छी ब्लाग प्रस्तुति है
लेकिन आपके ब्लाग का नाम "अहसास रिश्तों के बनने बिगड़ने का" कुछ जमा नहीं, इसे तो सिर्फ बोदूराम पर ही केन्द्रित होना चाहिये. -
ताऊ रामपुरिया
on
September 16, 2009 at 2:00 PM
बोदूरामजी सीजन खराब चल रहा है.
रामराम -
दिगम्बर नासवा
on
September 16, 2009 at 2:33 PM
majedaar likha hai .... jai ho bodooraam ki
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निर्मला कपिला
on
September 16, 2009 at 8:45 PM
वाह बोदू राम का ये मुहावरा पहली बार सुना है। मौजी आदमी है आपका बोदूराम । बहुत खूब लगे रहो
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Pt. D.K. Sharma "Vatsa"
on
September 16, 2009 at 11:13 PM
जब सभी मौज ले रहे हैं तो फिर बोद्दूराम पीछे क्यूं रहे.....
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Urmi
on
September 17, 2009 at 1:34 PM
बोदूराम जी खूब मज़े ले रहे हो! चलते रहो! बढ़िया है!