नमस्कार मै पंकज मिश्रा आपका स्वागत करता हु अपने ब्लाग " अहसास रिश्तो के बनने बिगडने का" .
आप सबको पता है कि मै अपने ब्लाग पर बोदूराम के नाम से लिखता हू . जैसा कि दो दिन पहले डा. अरविन्द मिश्रा जी ने पूछा था कि आपने ये नाम कहा से खोजा ?
खैर ये बात तो मै बाद मे बताऊगा अभी कुछ और बताना है .
हिमांशु जी ने भी इस नाम को लेकर थोडा खूशी व्यक्त किया था .
हुआ यु कि मै ये बात सीधे बोदूराम से ही पुछ लिया कि तुमने अपना नाम बोदूराम क्यो रखा, नाम बदल लो .
अब बात अट्क गयी कि नया नाम क्या रखा जाय.
बोदूराम निकल पड़े नाम खोजने .
पहले बोदूराम को एक आदमी मिला , भीख मागते हुए बोदूराम ने पुछा - भई आपका क्या नाम है ?
आदमी ने जवाब दिया- कुबेर प्रसाद
बोदूराम आगे बढे , दूसरा आदमी मिला बैंक से लोन निकालते हुए .
बोदूराम ने उससे पूछा - भाई आपका क्या नाम है ?
आदमी ने जवाब दिया- लक्ष्मीपति.
बोदूराम आगे गये . सामने से एक जनाजा जा रहा था बोदूराम ने एक आदमी से पुछा कि कौन मर गया?
आदमी ने बताया - अमरलाल
बोदूराम आगे बढे - सामने से एक व्यक्ती को आम तोडते देखा पूछने पर पता चला कि उसका नाम इनरपाल है .
अब बोदूराम वापस आये तो मै पूछा - क्यु बोदूराम कोई नाम पसन्द आया?
बोदूराम ने जवाब दिया-
कुबेर प्रसाद को भीख मागते देखा,लक्ष्मीपति को लेते लोन,
अमरलाल का निकला जनाजा
इनरपाल को तोडते आम,
सबसे अच्छा है बोदूराम. :)