सेठ ने जवाब दिया - अब मेरे भी अन्दर तुम्हारा ही खून आ गया है .
एक चटका यहाँ भी
नमस्कार सप्ताह के पहले दिन मै हूँ पंकज मिश्रा आपके साथ . सुबह के ५:०० बजे .
दिगम्बर नासवा जी का दुबई से फ़ोन आया था समस्या ये थी कि दुबई के किसी सेठ की तबियत
ख़राब थी और उनके लिए दुबई में खून नहीं मिल रहा था . नासवा जी ने मुझे बताया मै तुंरत जाकर बोदूराम जी का ब्लड टेस्ट करवाया संयोग कि बोदूराम का ब्लड ग्रुप मेल खा गया . बोदूराम खुश तो
नहीं था खून देने में लेकिन खून देने के बाद बहूत खुश हुआ क्युकी उसे बदले में दुबई के सेठ ने एक सेंट्रो कार , ५ किलो सोना और ५० लाख रुपये नकद दिया .
बोदूराम खुशी -खुशी बोला - आपको आधी रात को खून की जरूरत लगे मुझे याद करना .
खैर बात आयी गयी हो गयी .
कुछ दिन बाद फिर से नासवा जी का फ़ोन आया और बोले उस सेठ की दुबारा तबियत ख़राब हो गयी है , तुम बोदूराम से बात करो , क्या वो दुबारा खून देगा .
मै बोदूराम से पूछा तो बोदूराम ने जवाब दिया - अरे मै तो इसी दिन का इंतज़ार ही कर रहा था .
खैर बोदूराम ने दुबारा खून दिया उर सपने देखने लगा नयी कार और सोने का .
कुछ दिन बाद बोदूराम के पास एक पैकेट आया जिसमे एक गुलदस्ता और एक चिट्ठी थी .
चिट्ठी में लिखा था -
बोदूराम जी खून देने का शुक्रिया .
बोदूराम चकराया तुंरत सेठ को फोन लगाया और कारण पूछा .
9 comments:
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Udan Tashtari
on
September 7, 2009 at 6:10 AM
हा हा!! खून ने जोर मारा. :)
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वाणी गीत
on
September 7, 2009 at 6:23 AM
हमारी पूरी सहानुभूति है बोदुराम से..बहुत बुरा हुआ खून से भी गया और खवाबों से भी..!!
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Himanshu Pandey
on
September 7, 2009 at 7:27 AM
यह बोदूराम तो बहुत रोचक चरित्र है ! मजेदार !
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
on
September 7, 2009 at 7:35 AM
अरे वाह....!
खूब नहले पे दहला मारा है।
बधाई! -
ताऊ रामपुरिया
on
September 7, 2009 at 8:34 AM
बोदूराम काफी होशियार बंदा है पर शेर के लिये सवा शेर हमेशा तैयार ही रहते हैं.:)
रामराम. -
कुश
on
September 7, 2009 at 8:49 AM
हा हा.. सही है..
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निर्मला कपिला
on
September 7, 2009 at 11:04 AM
हा हा हा वाह बेचारा बोदूराम
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दिगम्बर नासवा
on
September 7, 2009 at 2:18 PM
PANKAJ JI ....... MUJHE BHI VO DUBAI MEIN EK BMW CAR DETA THAA ...... IS BAAR MUJHE BHI CHAKMA DE GAYA ... AGLI BAAT DOOSRA SETH DHOONDUNGA ....
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Sunita Sharma Khatri
on
September 14, 2009 at 11:47 AM
Very inetersting....
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