हुआ यु की जबसे बोदूराम ने जवाबी शायरी प्रतियोगीता जीता है पाँव तो जमीन पर है लेकिन मन आसमान में ही विचरण कर रहा है , मुझसे बात करते करते ही वो ट्विट्टर की तरह रिपोर्ट देने लगते है अपने कारनामो की , और मै मरता क्या ना करता , सुन लेता हु आप सबको बताने के लिए ..............
मै भी उसी लहजे में बोला - बस ठीक ठाक है जनाब
बोदूराम - अमां तुमने हमारी शायरी वाली बात नहीं सुनी क्या ?
बोदूराम - अमां का बताये पंकज भाई , जबसे अपने गाँव में प्रतियोगिता जीती है सांस नई लेने पा रहा हु .
मै बोला - काहे बोदूराम भाई , कौनो बीमारी है का ?
बोदूराम - अरे नहीं अमां , फुरसत नहीं है ,
बोदूराम - कल गया था मौलबी के साथ , मौलबी साहब बोले बेटा बोदूराम , आज भी हमारे पेट में दरद है त थोडा तुम्ही रंग जमा दो ....
मै बोला - फिर क्या हुआ बोदूराम जी ?
चांदनी चाँद से होती है सितारों से नहीं , मोहब्बत एक से होती है हजारो से नहीं
अमां , चांदनी चाँद से होगी तो सितारों का क्या होगा ?
मोहब्बत एक से होगी तो हजारो का क्या होगा ?
खुशबू आ सकती है, अगर कागज़ में तेल हो !!!
पंकज जी आपसे बता रहे है इतना सुनते ही पूरा महफ़िल तालियों से गुज उठा ...अब वो बागड़ बिल्ला शायर ने एक भारी शेर मारा और बोला ..
हमें तो अपनो ने लूटा , गैरो में कहा दम था
मेरी किस्ती वहा डूबी, जहां पानी कम था .....
अबे तू तो पहले से ही बेवकूफ था , तेरी बातो में कहा दम था .
वहा क्या करने गया था , जहां पानी कम था ....
इस तरह पंकज जी मै शायरी प्रतोयोगीता जीता , कैसा लगा ?
मै बोला अभी नहीं बताउगा , जब पाठक लोग बातायेगे तब बताउगा .........
अब आप बताइये कैसा लगा ........
(यह पोस्ट सिर्फ हँसी के लिए लिखी गयी है , अगर किसी भी प्रकार के अमर्यादित शब्द दिख रहे हो तो कृपया मुझे बताये )