नमस्कार , आज बात कर रहा हु पते , मतलब पते की बात !
आप को कैसा लगेगा अगर आप के ऊपर कोई उंगली उठाये और आप ब्लॉगर को गलत बताये , बताइये कैसा महसूस करेगे आप, जब कोई आप को ये कहे की आप ऐसे ब्लॉगर है जो कि किसी के मौत की खबर पर भी शुभकामनाये देते है ..?
जी हां बात कर रहा हु ब्लॉगर अनुराग आर्य की इन्होने एक जगह ये कमेन्ट दिया है कि आप ऐसे लोगो को क्या कहेगे जो की गौतम राजरिशी के गोली लगने के बाद भी मेरे यहाँ दशहरा की शुभकामनाये दे कर चले आते है .......और ये बात इन्होने किस लहजे मेंकहा है आप खुद देखिये ..
ये बात अनुराग आर्य ने कहा है निशंतम ब्लॉग पर जो की निशांत मिश्रा द्वारा लिखा जाता है ....इस ब्लॉग पर निशांत ने एक पोस्ट लिखी थी और इन्होने विवेचना किया है कि भाषा के नाम पर लेकर कुश के टिप्पणी पर जो बहस चल रही है वो बेकार की है...
इसके बाद इस ब्लॉग पर हमारे कई बड़े वरिस्थ साथियों ने निशांत की इस बात का समर्थन भी किया है , मै कहता हु अगर ऐसा था तो वहा पर मेरे द्वारा भी कुछ प्रश्न पूछ गया था उसका जवाब निशांत या और बाकी समर्थको ने देना उचित क्यों नहीं समझा ...?
क्या आप ब्लॉग पर सिर्फ अपनी मर्जी की बात लिखना जानते है , और जब जवाब देने की बारी आयेगी तो ............!
चलिए ज्यादा इधर उधर की बात न करते हुए मुद्दे पर आते है , निशांत ने अपने ब्लॉग पर पोस्ट लिखी की कुश की टिप्पणी को लेकर बेकार की बहस और इसी ब्लॉग पर कुछ लोगो ने अपने मन मर्जी टिपियाया भी और सभी ब्लागरो को काफी कुछ कहा जो कि चच्चा टिप्पू सिंह की इस बात(भोजपुरी, हरयाणवी या और किसी क्षेत्रीय भाषा के ब्लाग डिलिट हों : मगरुरवा कहिन !!) !का समर्थन किये थे .
चलिए बात यहाँ तक भी दायरे में थी लेकिन उसी जगह पर ये टिप्पणी की
सार्थक बहसों में लोग मौन रहते है या समझदारी भरी चुप्पी ओड कर निकल जाते है .....अपने अपने पूर्वाग्रह को निकालने के बहाने ऐसी निरर्थक बहसों का इस्तेमाल करते है ...दुःख ओर हैरानी के साथ निराशा तब होती है जब इसमें वो ब्लोगर भी होते है जिन्हें सो कॉल्ड वरिष्ट ब्लोगर कहा जाता है ...टिपण्णी इतनी महत्वपूर्ण है ब्लॉग जगत में की कोई किसी को नाराज नहीं करना चाहता .....कभी कभी सोचता हूं यदि गूगल ब्लॉग बन्द करने की घोषणा कर दे .तो ?
चलिए मै यहाँ पर भी एतराज नहीं जता रहा हु लेकिन कुछ ही देर बाद अनुराग आर्य की दूसरी टिप्पणी कुछ इस तरह आयी
- डॉ .अनुराग ने कहा…
- October 16, 2009 6:29 PM
महाभारत में एक कहानी थी ....
"अश्वथामा मारा गया " इसका इस्तेमाल.....यहां वही सीन है.... .गौतम राजरिशी को गोली लगने के बाद मेरी पोस्ट पे लोग दशहरे की शुभकानाये लिख जाते है....आप क्या उम्मीद करगे ......? - अब आप बताइये ऐसी कौन सी पोस्ट थी और आप में से कितने लोग थे जो वहा पर दशहरा के बधाई देकर आये थे और आज आपके उस बधाई सन्देश को यहाँ किसी अन्य रूप में पेश किया जा रहा है ...
- मै ये बात आपसे इसीलिए पूछ रहा हु क्युकी ये बात मै वहा पूछा लेकिन शायद तब तक चौपाल उठ चुकी थी , अब मै ये कैसे कह सकता हु कि उठ चुकी थी आप खुद देख लो
- उसी पोस्ट पर मेरा कमेन्ट
- Mishra Pankaj ने कहा…
- October 16, 2009 9:51 PM
डा. साहब गुस्ताखी माफ़ की जाय
क्या आप उस पोस्ट का लिंक यहाँ दे सकते है जहा पर आपको दशहरे की शुभकामनाये दिया गया है ?
जिस दिन मेजर साहब को गोली लगी थी तो कुश जी ने चर्चा की थी और जब वहा पर लगभग ८ लोग उनके चर्चा और फार्मेट की तारीफ़ करके आ गए तो उन्होंने आपसे मिली अपडेट लगा दिया तो आप क्या कहेगे ?
क्या वो लोग गलत थे जो पहले सिर्फ कलेवर की क\बखान करके आ गए थे और बाद में जो पहुचा वो मेजर साहब के शीघ्र स्वास्थय लाभ की कामना किया .
तो आप अब ये बताओ गलती किसकी जो वहा कलेवर की चर्चा करके आया या वो जो बाद में ऐसी खबर एड किया .
क्या वहा पर दूसरी पोस्ट लिखना तर्कसंगत नहीं था ...ऐसे जगह पर तो मेजर साहब के लिए दूसरी पोस्ट लिखनी चाहिए थी .
शायद आपने भी कुछ ऐसा ही किया होगा कि दशहरा के पोस्ट लगाई होगी तो लोगो ने दशहरा की शुभकामनाये दी ....
मेजर साहब से हम सबका लगाव है और इस बगाजग्त का हर बन्दा मेजर गौतम के शीघ्र स्वास्थय लाभ की कामना कर रहा था दिल से भगवान् को याद कर .....
आपको दीपावली की शुभकामना - और पुनः मै लिखा
- Mishra Pankaj ने कहा…
- October 16, 2009 9:53 PM
चर्चा का लिंक ये है
http://chitthacharcha.blogspot.com/2009/09/blog-post_23.हटमल - उसके बाद मै पुनः लिखा
- Mishra Pankaj ने कहा…
- October 17, 2009 9:01 AM
awaiting your response!!!
- लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं , मै पूछता हु अनुराग आर्य से और निशांतम के लेखक श्री मान निशांत से कि , अगर किसी बहस के सिर्फ एक पहलू को रखना है तो आपने ऐसे पोस्ट क्यों लिखे और अगर आपको अपने कमेन्ट की सफाई नहीं देनी थी तो ऐसी कमेन्ट क्यों किया , क्या आपकी लिए यह बहस सिर्फ एक दिन का पोस्ट था और आपने किस बेसिस पर यह बात कही है कि गौतम राजरिशी को गोली लगने के बाद मेरी पोस्ट पे लोग दशहरे की शुभकानाये लिख जाते है....आप क्या उम्मीद करगे ......?
- यहाँ भी पोस्ट लिखने का सिर्फ यही मकसद है कि शायद जवाब मिले ...और आप सभी पाठक मुझे बताये कि गलती मेरी है या ऐसे पोस्ट पर ऐसे कमेन्ट करनेवालो की ...
- नमस्कार
- पंकज मिश्रा