जब से बोदूराम ताऊ आश्रम से वापस आया है पुरे गाव में शोर मचा है कि मुंगेरीलाल (बोदूराम के पिताजी ) का बेटा ताऊ आश्रम से ताउगीरी की पढ़ाई करके आया है । लेकिन कहावत है सारा गाव न तो एक साथ मातम मनाता हँ और न ही एक साथ खुशीयाँ कुछ ऐसा ही हाल था बोदुराम के मेहंदीगंज का भी । जहा गाव के बच्चे बुढे नौजवान खुश थे की गाव का होनहार बीरवान बालक ताऊ गिरी सीखकर आया है वही मुंगेरीलाल का पड़ोसी छ्द्दामीराम नागा सपेरा जलता था मुन्गेरीलाल के इस तरह बढ़ते हुए पूछ को देखकर जलता था लेकिन हिम्मत नही पड़ती थी कि वो किसी से इस बारे में जिक्र करे क्युकी उड़ती उड़ती ख़बर मिली थी कि बोदूराम साथ में एक लट्ठ भी लाया है । इसलिए चुप चाप मौके की तलाश में रहता था कि कभी मौका मिले तो मै मुंगेरीलाल को नीचा दिखाऊ ।
""छ्द्दामीराम नागा सपेरा अपने बाप को बृद्धा आश्रम में छोड़ आया था गाव वालो ने जब विरोध किया तो बोला बुढा हो गया था इसीलिए छोड़ आया । गाव वालो बोले कि बुढा हुआ तो क्या ? छाद्दामीराम बोला - बुढा होने पे तो नागराज भी केचुली छोड़ने के बहाने भोले शंकर को छोड़कर चला गया था मै तो इंसान हु ।""
यही कारण था कि अभी तक छ्द्दामीराम के लडके लडकी कवारे थे और दूसरी तरफ़ मुंगेरीलाल के यहाँ रोज बोदूराम के लिए रिश्ते आ रहे थे ।
लेकिन छाद्दामीराम भी कम नही था हमेशा पेच लगा कर शादी बिगड़ देता था । एक बार किसी तरह शादी पक्की हो गयी तिलक के दिन तक छ्द्दामीराम इसी ताक झाक में रहा कि शादी बिगड़ दू पर सफल नही हुआ ।
तिलक का दिन भी आ गया सुबह से ही बोदूराम के यहाँ लोग बाग आने लगे थे लेकिन छाद्दामीराम आगे की योजना सोच रखी थी की आज शादी बिगाड़ के ही रहगा ।
बोदूराम के यहाँ सारा समाज इकट्ठा था मुंगेरीलाल सबको चाय नास्ता कराने में व्यस्त थे तभी सामने से छ्द्दामीराम आता दिखायी दिया मुंगेरीलाल समझ गए के ये जरूर कुछ लकडी करेगा इससे वहा पास में ही जाकर निपट लू।
मुंगेरीलाल छ्द्दामीराम की तरफ़ बढ़ रहे थे लेकिन छ्द्दामीराम उनको अनदेखा करता हुआ वहा जा पंहुचा जहा पे सारे लोग इकट्ठा थे और जोर जोर से कहने लगा ।
भैया मुंगेरीलाल आप बोले थे ना कि डॉक्टर आए तो बताना ।
आया है । मुंगेरीलाल सकपका गए बोले कौन डॉक्टर ?
छ्द्दामीराम बोला अरे वही मिर्गी वाला डॉक्टर तुम्ही तो बोले थे कि बोदूराम को मिर्गी का दौरा आता है कोई अच्छा डॉक्टर हो तो बताना और आज जब हम ५ कोस दूर पता करके आए तो ऐसे कर रहे हो कि मुझे पहचानते तक नही ।
अब इतना सुनना था कि बोदूराम को मिर्गी आती है सारे तिलकहरू उठ कर चल पड़े मुंगेरीलाल को काटो तो खून नही वो वही पे चक्कर खा के गिर पड़े । छ्द्दामीराम चिल्लाया - बाप पुत दोनों मिर्गी ग्रस्त है आप खुद देख लो !!!
नोट-नीचे बोदूराम घोडे पे है विडियो में देखिये !
एक चटका यहाँ भी
4 comments:
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ताऊ रामपुरिया
on
August 11, 2009 at 8:03 PM
मजा आगया जी आपकी पोस्ट मे तो और विडियो भी बहुत जोरदार है.
रामराम. -
Arvind Mishra
on
August 11, 2009 at 10:28 PM
ताऊ को पीछे छोड़ दिया भाई -
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Urmi
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August 12, 2009 at 6:22 AM
वाह बड़ा ही मज़ेदार लगा! शानदार और जानदार पोस्ट के लिए बधाई!
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दिगम्बर नासवा
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August 12, 2009 at 1:58 PM
मजेदार है.......... और विडियो तो मस्त है एकदम से
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