एक चटका यहाँ भी
3 comments:
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दिगम्बर नासवा
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July 31, 2009 at 7:09 PM
लाजवाब लिखा है ....इसी लिए तो कहते हैं प्यार अंधा होता है......
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ताऊ रामपुरिया
on
July 31, 2009 at 9:23 PM
ओह..मार्मिक.
रामराम. -
Urmi
on
August 3, 2009 at 6:30 AM
मेरे ब्लॉग पर आने के लिए और सुंदर टिपण्णी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!
मुझे आपका ब्लॉग बहुत अच्छा लगा! बहुत ख़ूबसूरत रचना लिखा है आपने! अब तो मैं आपका फोल्लोवेर बन गई हूँ इसलिए आती रहूंगी!मेरे ब्लोगों पर भी आपका स्वागत है!
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