सुबह सुबह अलार्म घड़ी ने सात बजने का इशारा किया फटाफट तैयार हुआ और भागा-भागा स्टेशन पर पहुचा ट्रेन पकड़ने के लिए । ट्रेन पकड़ भी लिया और संयोग से सीट भी मिल गयी बैठने के लिए । सुबह सुबह ही बहुत खुश था और रस्ते भर बस यही सोचता आ रहा रहा था कि सही कहा है " हर पल यहाँ जी भर जियो , जो है समां कल हो न हो " ट्रेन छोडा ऑटो लिया गाते गुनगुनाते ऑफिस पहुचा । सिक्यूरिटी वाले के नमस्कार का जवाब मुस्कराकर दिया रिसेप्शन पर हाथ हिलाते हुए निकल गया । पहुचगया बॉस की ऑफिस में और वही अंदाज़ में Good Morning Sir" बोला । बॉस ने भी मुस्कराकर जवाब दिया और पूछा -क्या हाल है ? मै भी जवाब दिया -सही है सर । बॉस मुस्कुराया और बोला -अच्छी बात है अगर सही है तो । आगे पहुचा यूजर लोगो के पास सभी हाय हेल्लो करके निकल गए । एक बन्दे ने हाथ मिलाया तो मेरा हाथ चूम लिया मै बोला आज क्या बात है भाई - वो बोला भाभी जी ने भी यही चूमा होगा । मै औपचारिक हँसी हसता हुआ आगे बढ़ा । मेरा काम है कंप्युटर नेटवर्क संभालने का । भागा भागा सर्वर पे गया बैकअप लिया और आ गया अपनी सीट पर । अब आगे की कहानी सुनिए - फ़ोन बजा - हेल्लो हां अच्छा देखता हु ये बोलकर फ़ोन रखा । तुंरत फिर ट्रिन ट्रिन )))) मै फ़ोन उठाया -हेल्लो , हा सर देख रहा हूँ । फ़ोन पटका और बोला अब मत बज मेरे बाप । इतने में - अस्सी कड़ी रे मारो घाघरो सिला दे, चुंदरी मगा दे मोहे ))))((()) अरे भगवान् मोबाइल बज रहा है । हेल्लो हा, सामने से - हा पंकज अभी चेन्नई से फ़ोन आयेगा वो तुमसे प्रिंटर के बारे में बात करेगे । ओके सर। फ़ोन ट्रिन ट्रिन))))))) - हेल्लो हा सर रिसेप्शन से बोल रही हु हां बोलो सर कोई नागेश्वर आप से मिलने आए है अच्छा बैठने के लिए बोलो मै बुलाता हु । मोबाइल अस्सी कड़ी रे मारो घाघरो सिला दे, चुंदरी मगा दे मोहे ))))((()) - हेल्लो हा पंकज अरे यार मै बोल रहा हु हा बोल यार वायरस आ गया है मेरे साईट पर और सारे यूजर का अकाउंट ऑटोमेटिक डिसेबल हो रहा है अरे भाई यही प्रॉब्लम तो मेरे यहाँ भी हो रहा है । ये था मेरा सहयोगी जो कि दुसरी साईट संभालता है और मै उसी कंपनी की पहली साईट अब तो लगातार ट्रिन ट्रिन ))))((()))))) मेरा अकाउंट लाक हो गया है ओपन करो लगातार ४० लोगो का फ़ोन मोबाइल पे अलग फ़ोन कुल मिलाकर गला जल रहा था लेकिन पानी पीने का समय नही मिला वायरस ने ऐसा गजब किया है अभी तक समस्या जस की तस है १५० से ज्यादे बार फ़ोन रिसीव कर चुका हु । कहना सिर्फ़ इतना है कि
कभी भी इन्टरनेट से कुछ भी फ्री का मत लीजिये
जब तक जरूरत ना हो किसी भी अनजान साईट पर मत जाइए
किसी अनजान जगह अपना मेल आईडी मत डालिए ।
कभी भी अनजान फाइल को अपने कंप्युटर पर रन मत करिए ।
तो सुबह तक हर पल यहाँ जी भर जियो गाने वाला बन्दा जैसे कि मै अब गा रहा हु अब मुझे जीना नही सनम ,वैसे ही आप भी गाते फिरोगे
एक चटका यहाँ भी
4 comments:
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दिगम्बर नासवा
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August 20, 2009 at 6:28 PM
सच कहा ........ मुफ्त का मॉल लोगे तो जो मिलेगा वो भी साथ में लेना पड़ेगा ..............
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ओम आर्य
on
August 20, 2009 at 6:36 PM
सुन्दर प्रस्तुति...........
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ताऊ रामपुरिया
on
August 20, 2009 at 8:43 PM
बहुत गजब का लिखा आज तो. पर आजकल एक पर एक फ़्री का जमाना है.:)
रामराम. -
प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ'
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August 23, 2009 at 9:52 AM
बहुत उम्दा...बहुत बहुत बधाई....
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