आज सात अगस्त है । दिन शुक्रवार और अगर से हम संख्या में देखे तो कुछ इस तरह दिखेगा 07-08-09 यानी कि सात-आठ-नौ । अब इतना शुभ दिन हो और कुछ खास ना हो तो समझिये कि रेलवे के डेली पास धारक यात्रियों की एक तरह से बेइज्जती । अब हुआ कुछ ऐसा कि आज मुंबई से लेकर सुरत और फिर सूरत से लेकर अहमदाबाद तक लगातार गुजरात एक्सप्रेस के कोच नम्बर डी-6 में सत्यनारायण बाबा के जयकार गूजता रहा यात्री आते रहे और प्रसाद लेकर अपने मंजील पे उतरते रहे ऐसा नही की दर्शन या प्रसाद के लिए गाड़ी कही पे ज्यादा समय के लिए रुकी हो । डिब्बे के बिच वाले गेट के पास के दो सीटो के बीच में बाकायदा सत्यनारायण बाबा की मूर्ती स्थापना की गयी थी और एक सीट पे पूजा सुनाने वाला और दुसरे सीट पे पंडित जी विराजमान थे । सभी दर्शन करने वालो के लिए पैकेट में पहले से ही पैक किया गया प्रसाद लगातार वितरित किया जारहा था । डेली पास धारक जिसमे की मै भी शामिल हु अपने यथा योग्य चन्दा इकट्ठा किए थे । सभी यात्रियों के लिए नास्ता की व्यस्था की गयी थी । एक ग्रुप पूजा करते हुए सुरत तक गया वहा से दसरे ग्रुप वालो ने सुरत से अहमदाबाद तक का कथा यात्रा पूरा किया। ये कोई एक वाकया नही है अब यहाँ आए दिन लगभग सभी पैसेंजर ट्रेन और अप-डाउन ट्रेनों में पूजा होगी । और करवाने वाले सभी डेली पास धारक होते है । अमूनन एक पूजा में लगभग पचास से लेकर अस्सी हजार रुपये तक खर्च होते है । ट्रेन की सजावट बहुत ही सुंदर था लेकिन आप लोगो को दिखा नही पा रहा हु कैमरे के अभाव में :(
एक चटका यहाँ भी
2 comments:
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ताऊ रामपुरिया
on
August 7, 2009 at 4:40 PM
अब इतना शुभ दिन हो और कुछ खास ना हो तो समझिये कि रेलवे के डेली पास धारक यात्रियों की एक तरह से बेइज्जती ।
भाई यहां कुछ भी हो सकता है.
रामराम. -
Urmi
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August 10, 2009 at 6:15 AM
बढ़िया लगा!
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