अहसास रिश्‍तों के बनने बिगड़ने का !!!!

एक चटका यहाँ भी

ताऊ का तोता वापस गया था और ताऊ और तोते ने आधा आधा पैसा भी बाट लिया था अब ताऊ ने फिर तोता बेचने की सोचा और जाकर बाजा के बीच चौराहे पर खड़ा हो गया ताऊ ने तोते से पूछा की बताओ तुम्हारी कौन सी खूबी पब्लिक को बताऊ ?
तोता बोला ताऊ जी आप ग्राहक से कह देना मै भविष्य बताने वाला तोता हु अब ताऊ बाजार में जोर जोर से आवाज लगाने लगा - भविष्य
ताने वाला तोता बिकाऊ है -भविष्य बताने वाला तोता बिकाऊ है

यह आवाज सुनकर एक महिला आयी और ताऊ से पूछी की यह सचमुच भविष्य बताता है ? ताऊ बोला - हा बहन जी यह भूत,भविष्य और वर्तमान तीनो बता देता है अगर आप को डेमो देखना है तो देख सकती है डेमो देखने का कोई फीस नही है
महिला खुश होकर तोते से पूछी - बताओ मेरा चरित्र कैसा है ? तोता - एकदम दो कौडी, तुम एक दुस्चरित्र महिला हो
महिला - ताऊ जी आपका तोता तो गाली देता है
अब ताऊ को गुस्सा गया और उन्होंने तोते को पकड़कर उसका मुह पानी में डुबोया और पूछा , बोल फिर कभी ऐसी जबान बोलेगा ?
तोता -हा बोलूगा
ताऊ ने फ़िर डुबोया - बोल बोलेगा ?
तोता- हा बोलूगा
ताऊ ने जब तीसरी बार पानी में डुबोया तो तोते ने कहा -ताऊ छोड़ दे अब ऐसा कभी नही बोलूगा

अब ताऊ ने महिला से बोला - बहन जी अब आप इससे पुछीये जो कुछ पूछना है
महिला तोते से - अच्छा बताओ अगर मै एक आदमी के साथ घर वापस आती हु तो तुम क्या सोचोगे ?
तोता - जी मै ये समझूगा कि वो आदमी आप का पति है
महिला -और अगर दो मर्द के साथ वापस आयी तो ?
तोता - मै ये समझूगा कि आप के पति और देवर है
महिला - और अगर मै तीन मर्द के साथ घर आयी तब?

तोता - मै ये समझूगा कि आप के पति , देवर और भाई साथ में है
महिला - के गुडअगर मै चार मर्द के साथ घर वापस आयी तब ?
तोता- ताऊ पानी ला, और मेरी मुंडी डुबो दे पानी में. मैने तो पहले ही कहा था कि इस महिला के लक्षण मुझे ठीक नही लगते।

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6 comments:

  1. डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' on August 3, 2009 at 6:11 PM

    पंकज मिश्रा जी।
    तोते के माध्यम से सच्ची बात कही है।
    ताऊ को भी खूब लपेटा है।
    बधाई।

     
  2. आशीष खण्डेलवाल (Ashish Khandelwal) on August 3, 2009 at 7:17 PM

    ये ताऊ का तोता है अच्छे अच्छों का भविष्य बता देता है.. हैपी ब्लॉगिंग :)

     
  3. ताऊ रामपुरिया on August 3, 2009 at 7:24 PM

    अच्छा तो अब पता चला कि ये तोता महाराज आपके पास गप्पें मार रहे हैं. इसको ब्प्लोये सीधा घर आये अभी बहुत सारे काम पडे हैं.:)

    रामराम

     
  4. दिगम्बर नासवा on August 3, 2009 at 8:14 PM

    वाह जनाब क्या मजेदार लिखा है........... हंसी नहीं रुक रही........... तोते का जवाब नहीं

     
  5. इति शर्मा on August 4, 2009 at 8:55 AM

    haasya ras ko kalam se kagaz par itni sahajta se utarna .....
    badhaai !!!

     
  6. Urmi on August 5, 2009 at 9:40 AM

    वाह बहुत बढ़िया लिखा है आपने! बड़ा ही मज़ेदार! हँसते हँसते तो मेरे पेट में दर्द होने लगा है! जवाब नहीं तोते का!

     

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साँस लेते हुए भी डरता हूँ! ये न समझें कि आह करता हूँ! बहर-ए-हस्ती में हूँ मिसाल-ए-हुबाब! मिट ही जाता हूँ जब उभरता हूँ! इतनी आज़ादी भी ग़नीमत है! साँस लेता हूँ बात करता हूँ! शेख़ साहब खुदा से डरते हो! मैं तो अंग्रेज़ों ही से डरता हूँ! आप क्या पूछते हैं मेरा मिज़ाज! शुक्र अल्लाह का है मरता हूँ! ये बड़ा ऐब मुझ में है 'yaro'! दिल में जो आए कह गुज़रता हूँ!
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