अहसास रिश्‍तों के बनने बिगड़ने का !!!!

एक चटका यहाँ भी

एक बार एक व्यक्ती के यहाँ २० साल बाद बच्चा हुआवह व्यक्ती बहुत उदास था मित्र ने कारण पूछा

व्यक्ती बोला : यार भाई इतने दिन बाद बच्चा पैदा हुआ वो भी सिर्फ़ दो किलो का !!!

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एक दस साल का बच्चा बहुत ध्यान से एक किताब पढ़ रहा था, जिसका शीर्षक था बच्चों का पालन पोषण कैसे करें।

मां - तुम ये किताब क्यों पढ़ रहे हो।

बच्चा- मैं ये देखना चाहता हूं कि मेरा पालन पोषण ठीक तरह से हो रहा है या नही।

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एक पुलिस इंस्पेक्टर के घर चोरी हो रही थी..

पत्नी- उठो जी घर में चोरी हो रही है।

पुलिस इंस्पेक्टर- मुझे सोने दे, मैं इस टाइम डयूटी पर नही हूं!




11 comments:

  1. Udan Tashtari on August 30, 2009 at 5:02 PM

    हा हा, मजेदार..

     
  2. दिगम्बर नासवा on August 30, 2009 at 6:13 PM

    lajawaab hain sab .......... majaa aa gaya ........

     
  3. mehek on August 30, 2009 at 9:19 PM

    bahut khub

     
  4. श्यामल सुमन on August 30, 2009 at 9:40 PM

    आनन्दम्।

     
  5. ताऊ रामपुरिया on August 30, 2009 at 9:55 PM

    वाह आनंद आगया जी. बहुत शुभकामनाएं.

    रामराम.

     
  6. आदित्य आफ़ताब "इश्क़" aditya aaftab 'ishq' on August 30, 2009 at 10:38 PM

    hahahahahahahaha...............behad umda ...........aapka swagat

     
  7. सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी on August 31, 2009 at 9:18 AM

    चुटकुले अच्छे थे।

     
  8. निर्मला कपिला on August 31, 2009 at 3:07 PM

    बहुत बडिया आभार्

     
  9. vijay kumar sappatti on August 31, 2009 at 4:49 PM

    bahut hi hansaane wali post .
    badhai sweekar kare ..

    vijay

    pls read my poem "jheel " on my blog : www.poemsofvijay.blogspot.com

     
  10. डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' on September 1, 2009 at 9:15 AM

    बहुत बढ़िया।
    अच्छा धोया है।
    बधाई!

     
  11. RAJIV MAHESHWARI on September 1, 2009 at 9:30 AM

    शानदार जानदार ........हा हा हा......

     

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साँस लेते हुए भी डरता हूँ! ये न समझें कि आह करता हूँ! बहर-ए-हस्ती में हूँ मिसाल-ए-हुबाब! मिट ही जाता हूँ जब उभरता हूँ! इतनी आज़ादी भी ग़नीमत है! साँस लेता हूँ बात करता हूँ! शेख़ साहब खुदा से डरते हो! मैं तो अंग्रेज़ों ही से डरता हूँ! आप क्या पूछते हैं मेरा मिज़ाज! शुक्र अल्लाह का है मरता हूँ! ये बड़ा ऐब मुझ में है 'yaro'! दिल में जो आए कह गुज़रता हूँ!
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