अहसास रिश्‍तों के बनने बिगड़ने का !!!!

एक चटका यहाँ भी

http://kajalkumarcartoons।blogspot.com/2009/06/blog-post_25.html
भाई काजल जी माफ़ करना मै हर रोज आपका ब्लॉग पड़ता हु आज का पोस्ट देखा तो लगा की मै कुछ लिखू ।
आपकी तरह मै भी डोमेन डॉट टी के पे बहूत भरोसा किया था और खुद का ब्लॉग री नेम किया था पता है
www.pankajit.tk
www.pankajanand.tk
और तो और उस समय मै बहूत खुश होकर ताऊ को भी www.taau.tk नाम से ब्लॉग दिया था आप चाहो तो ताऊ से पूछ लेना ।
इसका कारन यह है की अगर आप कुछ दिन के लिए डॉट टी के नही खोलते हो तो ख़त्म हो जाता है .

5 comments:

  1. शशांक शुक्ला on June 27, 2009 at 10:53 PM

    सही कहा भाई धन्यवाद आपका इस जानकारी के लिए मै भी ये करने वाला था पर अब नहीं करुंगा

     
  2. पंडितजी on June 28, 2009 at 8:26 AM

    ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है.मै भी जौनपुर से सम्बंधित हू

     
  3. गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर on June 29, 2009 at 6:49 AM

    good luck.narayan narayan

     
  4. राजेंद्र माहेश्वरी on June 30, 2009 at 4:39 PM

    हिंदी भाषा को इन्टरनेट जगत मे लोकप्रिय करने के लिए आपका साधुवाद |

     
  5. ताऊ रामपुरिया on July 2, 2009 at 4:04 PM

    बिल्कुल सही कहा आपने. इसीलिये हमने बाद मे डोमेन खरीद लिया.

    राम्राम.

     

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साँस लेते हुए भी डरता हूँ! ये न समझें कि आह करता हूँ! बहर-ए-हस्ती में हूँ मिसाल-ए-हुबाब! मिट ही जाता हूँ जब उभरता हूँ! इतनी आज़ादी भी ग़नीमत है! साँस लेता हूँ बात करता हूँ! शेख़ साहब खुदा से डरते हो! मैं तो अंग्रेज़ों ही से डरता हूँ! आप क्या पूछते हैं मेरा मिज़ाज! शुक्र अल्लाह का है मरता हूँ! ये बड़ा ऐब मुझ में है 'yaro'! दिल में जो आए कह गुज़रता हूँ!
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